छतरपुर। पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्र-छात्राओं की मृत्यु होने की घटना के बाद प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री ने घटना की निंदा करते हुए मध्यप्रदेश के शहरों में बेसमेंट में संचालित कोचिंग संस्थानों सहित अन्य कार्यालयों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद अब छतरपुर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। जिला प्रशासन की एक टीम जल्द ही छतरपुर शहर में बेसमेंट में संचालित कोचिंग संस्थानों सहित अन्य कार्यालयों के सुरक्षा मानकों और अनुमति की जांच करेगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक छतरपुर शहर में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, किशोर सागर, सिंचाई कॉलोनी और डेरा पहाड़ी के समीप दर्जनों कोचिंग सेंटर, लाईब्रेरी और कार्यालय भवनों के बेसमेंट में संचालित हैं। बेसमेंट में चल रहे इन केन्द्रों में हर रोज बड़ी संख्या में युवा पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का कला केंद्र भी बेसमेंट में ही संचालित हो रहा है, जहां गत वर्ष पानी भर जाने के कारण बुरा हाल हो गया था। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा की पेंशन शाखा और चेस्ट भी बेसमेंट में संचालित हो रही है। छतरपुर नगर पालिका के पास ऐसी भी कोई सूची नहीं है, जिससे पता चल सके कि पूरे शहर में कितने बेसमेंट हैं। हालांकि अब सीएमओ माधुरी शर्मा का कहना है कि रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, इसके बाद ही वास्तविक तथ्य सामने आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग बायलॉज में इमारतों के लिए 500 वर्ग मीटर की जमीन से कम आकार वाले मकानों में बेसमेंट नहीं बनाए जा सकते। इसके नक्शे पास नहीं हो सकते। बेसमेंट में पार्किंग के अलावा किसी भी तरह की कमर्शियल गतिविधियां नहीं हो सकती हैं। कॉमर्शियल इमारत में जमीन का संबंधित शहर की गाइड लाइन के अनुसार निर्धारित हिस्सा पार्किंग के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद शहर के भीतर बेसमेंट में संचालित हो रहे प्रतिष्ठानों, कोचिंग सेंटरों, लाइब्रेरी आदि से जल निकासी और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था की जांच होगी। जिला मुख्यालय पर बेसमेंट में चल रहे कोचिंग के स्थानों में जलभराव होने पर जल निकासी की व्यवस्था और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था की जांच की जाएगी। बेसमेंट में संचालित हो रहे हैं कोचिंगों और लाइब्रेरी की जांच की जाएगी। जांच में कोचिंग संचालन होने वाले भवनों की परमिशन और सुरक्षा को लेकर होगी जांच की जाएगी। इसके साथ ही बेसमेंट के निर्माण की परमिशन की भी जांच की जाएगी।
इनका कहना
बेसमेंट निर्माण के लिए अनुमति आवश्यक है। बेसमेंट में व्यावसायिक कार्यो पर प्रतिबंध है। शहर में ऐसी स्थिति है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
अखिल राठौर, एसडीएम
एआरआइ के माध्यम से रिहायशी व कॉमर्शियल इलाके का सर्वे कराया जा रहा है। बेसमेंट में खतरनाक स्थिति की जांच कर कार्रवाई करते हुए गतिविधियां बंद कराई जाएंगी।
माधुरी शर्मा, सीएमओ