कार्यपालन अभियंता अमर श्रीवास्तव के संरक्षण में किसानों से वसूली जारी
सानों से उगाही, सरकार के राजस्व को नुकसान

छतरपुर। छतरपुर जिले के किसान खाद और बीज की कतारों में संघर्ष करने के बाद जैसे-तैसे मुक्त हुए तो अब उन्हें बिजली विभाग की जबरन वसूली से जूझना पड़ रहा है। किसानों के लिए सरकार की योजना के तहत अस्थायी पंप कनेक्शन की जो सौगात दी जाती है उसे भी बिजली विभाग के अधिकारियों ने पलीता लगाना शुरू कर दिया है। लाइनमैन से लेकर आला अधिकारी तक इस घोटाले मे लिप्त हैं। इस घोटाले के माध्यम से एक तरफ जहां किसानों के साथ जबरन अनैतिक उगाही की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

योजना को इस तरह पलीता लगा रहे अधिकारी
दरअसल मप्र की सरकार विद्युत कंपनी के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हेतु पर्याप्त बिजली की आपूर्ति प्रदान करने हेतु अस्थायी पंप कनेक्शन योजना संचालित करती है। इस योजना के माध्यम से किसान को 6 माह तक बिजली पंप चलाने के लिए अस्थायी कनेक्शन दिया जाता है और इस अस्थायी कनेक्शन के ऐवज में अनुदान मुक्त कुल 5700 रूपए की राशि 6 माह के लिए ली जाती है। छतरपुर जिले में किसानों से 6 माह के अस्थायी कनेक्शन के लिए 6 हजार से लेकर साढ़े 6 हजार रूपए तक वसूले जा रहे हैं। सरकारी योजना कहती है कि यदि किसान को सिर्फ तीन महीने ही कनेक्शन की जरूरत है तो उससे तीन महीने की राशि ही ली जाए लेकिन जिले में सभी किसानों से 6 हजार रूपए वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं ग्रामों में कनेक्शन लेने वाले किसानों की संख्या ज्यादा है लेकिन उनका राजस्व कंपनी के खाते में कम पहुंच रहा है।

100 किसानों को दिए कनेक्शन, कागज में सिर्फ 30
विद्युत विभाग के अधिकारी इसी अस्थायी विद्युत पंप कनेक्शन के नाम पर बड़ा खेल करने में जुटे हैं। मातगुवां सबस्टेशन पर काम करने वाले सूत्र बताते हैं कि मातगुवां क्षेत्र में लगभग ढाई हजार से अधिक किसानों ने अपने खेतों में लाईनमैन और जूनियर इंजीनियर से साठगांठ कर अस्थायी कनेक्शन ले रखे हैं लेकिन कंपनी के पास एक हजार से भी कम किसानों की वसूली पहुंची है। दरअसल इन किसानों से ऊपरी तौर पर पैसा लेकर अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं और कंपनी को कम रसीदें दिखाकर चूना लगाने में जुटे हैं। एक तरफ किसानों से भरपूर उगाही की जा रही है दूसरी तरफ सरकार को चूना लगाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि उगाही का हिस्सा लाईनमैन से लेकर आला अधिकारियों तक जाता है। इसलिए छतरपुर में धड़ल्ले से यह कारोबार चल रहा है। कार्यपालन अभियंता अमर श्रीवास्तव के कार्यकाल में यह कारोबार और तेजी से फलफूल रहा है जिस पर किसी का ध्यान नहीं है।

इनका कहना
आरोप निराधार हैं, किसानों से अधिक वसूली कर कम रसीदें काटने की लिखित शिकायतें मिलेंगी तो कार्यवाही करेंगे।
अमर श्रीवास्तव, कार्यपालन अभियंता, एमपीईबी, छतरपुर