छतरपुर। 21 अगस्त को छतरपुर के कोतवाली थाने में मुस्लिम समाज की भीड़ के द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के  दौरान पथराव की जिस वारदात ने पूरे देश का ध्यान खींचा उस वारदात के सरगना कहे जा रहे हाजी शहजाद अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर 30 अगस्त तक की रिमाण्ड पर ले लिया है। न्यायालय से मिली इस रिमाण्ड के दौरान पुलिस हाजी शहजाद अली से कई तीखे सवाल पूछ रही है इसके साथ ही वारदात से जुड़ी कडिय़ों को भी जोडऩे में जुटी है।
एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि हाजी शहजाद अली से इन तीन दिनों में विस्तृत पूछताछ की जाएगी। इस पूछताछ के दौरान हम 21 अगस्त को हुई पत्थरबाजी की पूरी वारदात के पीछे मौजूद आपराधिक तत्वों की जानकारी जुटाएंगे। क्या यह वारदात योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई? इस वारदात में किस-किस ने सहयोग किया? वारदात से जुड़े भौतिक और तकनीकी साक्ष्य क्या-क्या हैं? इन सभी प्रश्नों के जवाब खोजे जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान हाजी शहजाद अली और उसके परिवार के द्वारा जो संपत्ति एकत्रित की गई है उस बारे में भी जानकारी ली जाएगी। इस संपत्ति का उपयोग अपराधों के लिए तो नहीं किया गया है यह भी जांच का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को सूचना मिली है कि हाजी शहजाद अली एक खानका यानि स्थानीय न्याय व्यवस्था संचालित करता है इस बारे में भी पूछताछ की जाएगी। हाजी शहजाद अली को पुलिस 30 अगस्त की शाम 5.55 बजे अदालत में पेश करेगी।
शहजाद हाजी को खानका लेकर पहुंची पुलिस
बुधवार को छतरपुर पुलिस ने हाजी शहजाद अली की रिमाण्ड के पहले दिन छतरपुर पत्थरकाण्ड के मामले में अनेक बिन्दुओं पर पूछताछ और जांच-पड़ताल की। पुलिस शाम के वक्त हाजी शहजाद अली को लेकर उसके पुराने घर भी पहुंची जहां वह वर्तमान में निवास करता था। इसके अलावा पुलिस ने उस खानका में भी निरीक्षण किया जहां हाजी शहजाद अली अपनी अदालत लगाकर मुस्लिम समाज के झगड़े निपटाता था। यह खानका एक तरह से हाजी शहजाद अली की एक समानांतर न्याय व्यवस्था थी जो बगैर किसी पंजीयन के संचालित हो रही थी। पुलिस को इस मामले में भी काफी शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिसकी अब जांच की जा रही है।
मुस्लिम समाज में डर व्याप्त, एसपी से की अपील
थाने में हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद पुलिस ने इस मामले में 46 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज करते हुए 150 अज्ञात लोगों पर भी एफआईआर की थी। पुलिस लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है। पुलिस के इसी एक्शन से मुस्लिम समाज में डर व्याप्त है। लोगों को लग रहा है कि पुलिस निर्दोष लोगों को भी जेल न भेज दे। इन सभी आशंकाओं के साथ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष डॉ. रफीक शाह एवं वक्फ बोर्ड के जिलाध्यक्ष रहमान बख्श ने पुलिस अधीक्षक अगम जैन से भेंट करते हुए एक आवेदन सौंपा है। इस आवेदन में मुस्लिम समाज के नेताओं ने एसपी से गुजारिश की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, मुस्लिम इलाकों में पुलिस यह संदेश दे कि सिर्फ आरोपियों पर ही कार्यवाही होगी।