छतरपुर। छतरपुर के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध पिछले दिनों बिजावर विधायक राजेश शुक्ला सहित अन्य लोगों द्वारा की शिकायतों की जांच के बाद सागर कमिश्नर वीरेंद्र रावत ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एमके कौटार्य को निलंबित करने की बड़ी कार्रवाई शुक्रवार को की है। गौरतलब है कि शिकायत करने के साथ-साथ बिजावर विधायक राजेश शुक्ला बबलू ने गत विधानसभा सत्र में भी यह मुद्दा उठाया था। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध प्राप्त हुई विभिन्न शिकायतों की जांच में उन्हें दोषी पाए जाने के बाद सागर कमिश्नर द्वारा यह कार्रवाई की गई है।
सागर कमिश्नर कार्यालय से शुक्रवार को जारी किए गए आदेश क्रमांक 658/शाखा-पांच/ 2024 में उल्लेख है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर एमके कौटार्य के विरुद्ध प्रेषित शिकायतों की जांच संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा, सागर संभाग सागर तथा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण, सागर संभाग सागर से कराई गई, जिसका संयुक्त जांच प्रतिवेदन कमिश्नर को प्राप्त हुआ। संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा, सागर संभाग सागर द्वारा पत्र क्रमांक/सं.सं.सं./स.स्था./2024/843 दिनांक 21.08.2024 के माध्यम से प्रेषित प्रतिवेदन के साथ संलग्न जांच प्रतिवेदन के मुताबिक श्री कौटार्य को वर्ष 2023-24 के प्रश्नपत्रों की प्रिंटिंग में वित्तीय अनियमितता, नियम विरूद्ध प्रश्नपत्र वितरण, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी लवकुशनगर के कार्यकाल में देवीदीन अहिरवार सहायक शिक्षक खेरा कसार के जीपीएफ खाते से नियम विरूद्ध राशि आहरण स्वीकृति, अनाधिकृत अनुपस्थित, भृत्य अनिल द्विवेदी को नियम से बर्खास्त न करते हुए नियम विरूद्ध निलंबन बहाल प्रक्रिया अपनाकर पेंशन का लाभ दिलाने, मण्डल परीक्षाओं में सीएस, एसीएस की नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर नियम विरुद्ध नियुक्ति करने, जिले के 39 वरिष्ठ प्राचार्यों को मण्डल परीक्षा के दायित्वों से मुक्त रखकर जूनियर प्रभारी प्राचार्यों से मण्डल के सीएस, एसीएस का कार्य करवाने, जूनियर एवं अचयनित उ.मा. शिक्षक को एपीसी के पद पर नियम विरुद्ध पदस्थ करने, एमके कौटार्य द्वारा स्वयं की पदोन्नति में नियम विरूद्ध अनुसूचित जाति संवर्ग के आरक्षण का लाभ लेने, उ.श्रे.शि. को पदोन्नति परित्याग करने पर भी क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देने और शिक्षकों को नियम विरूद्ध गैर शिक्षकीय कार्य में अटैच करने की अनियमितता का दोषी पाया गया है। जांच समिति द्वारा दिये गये अभिमत से सहमत होते हुए यह पाया गया है कि श्री कौटार्य द्वारा किए गए उक्त कृत्य अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही, अनुशासनहीनता व स्वेच्छाचारिता का द्योतक होकर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1) (2) (3) का उल्लंघन हैं, इसलिए एमके कौटार्य, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम - 9 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, सागर संभाग सागर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में श्री कौटार्य को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता प्रदान की गई है।
निलंबन के बाद कार्यलय में काम निपटा रहे थे कौटार्य, कोषालय अधिकारी ने मारा छापा
सागर कमिश्नर द्वारा प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एमके कौटार्य को निलंबित किए जाने के बाद उनके द्वारा कार्यालय में बैठकर बैक डेट में कार्य निपटाए जा रहे थे, जिसकी जानकारी लगते ही कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कोषालय अधिकारी वीके श्रीवास्तव को कार्रवाई के निर्देशित किया। निर्देश मिलते ही कोषायल अधिकारी डीईओ कार्यालय पहुंचे। हालांकि उनके आने की खबर मिल जाने के कारण एम के कौटार्य कार्यालय से निकल गए। सहायक संचालक आरपी प्रजापति ने कलेक्टर की टीम को बताया कि निलंबन आदेश देखकर एमके कौटार्य में मेडिकल का कागज देकर चले गए हैं। वहीं कलेक्टर की टीम ने दी डीईओ ऑफिस के कर्मचारियों को हिदायत दी है कि यदि किसी भी कर्मचारी ने गलती की अथवा भुगतान कएि गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।