छतरपुर। रंग प्रयोग नाट्य समारोह में चौथे दिन डॉ रमा यादव द्वारा लिखित नाटक पुनश्च कृष्ण का मंचन मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक टीकम जोशी के निर्देशन में संपन्न हुआ। विद्युत प्रभाव, वेशभूषा, संगीत और कलाकारों के बेजोड़ अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।डेढ़ घंटे की अवधि के इस नाटक में दर्शकों ने कई बार तालियां बजाकर अभिनेताओं को भरपूर सराहना दी।
मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग एवं मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय की रंग प्रयोगशाला के छात्रों द्वारा इस समारोह की चौथी प्रस्तुति के दिन छतरपुर विधायक ललिता यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं उनके साथ अग्रिम पंक्ति में नपाध्यक्ष ज्योति चौरसिया, सीएमओ माधुरी शर्मा, विनोद रावत, कमल अग्रवाल, डॉ केके चतुर्वेदी, ओपी अरजरिया, अमिता अरजरिया, एसके छारी सहित गण्यमान दर्शक मौजूद रहे। एसपी अगम जैन ने रोज़ की तरह एक सामान्य दर्शक के बतौर तीसरी पंक्ति में बैठकर नाटक का आनंद लिया।
यह था नाटक का कथासार
पुनश्च कृष्ण नाटक के माध्यम से तथा श्रीकृष्ण के जीवन की कथाओं के माध्यम से उनके अनगढ़ स्वरूप की विवेचना की गई है।नाटक का आरंभ वृंदावन में कृष्ण की सखियों के साथ बातचीत से होता है जहां सखियां कृष्ण से पूछतीं हैं कि उनका दर्शन क्या है? माता यशोदा कहतीं हैं कि लौट आओ क्योंकि मां - बाप का तर्पण कौन करेगा? कर्ण के अपने प्रश्न हैं कि उसे पग पग पर इतना अपमान क्यों सहना पड़ा? तब कृष्ण उत्तर देते हैं कि यह अपमान करने वालों की समझ की कमी है।तुमने वही किया जिसके लिए तुम्हारा जन्म हुआ था।जब सखियां कहती हैं कि महाभारत का युद्ध रोका जा सकता था तो क्यों नहीं रोका?गांधारी के अपने सवाल हैं तो बलराम के अपने प्रश्न।इन सभी प्रश्नों का तर्कपूर्ण और दार्शनिक जवाब इस नाटक के माध्यम से दर्शकों को मिलते हैं।नाटक का संगीत पक्ष उसकी भव्यता को और बढ़ा रहा था तो वहीं प्रकाश प्रभाव से एक समय पूरा मंच वृंदावन सा नजर आया जहां कृष्ण के कई रूप रास रचाते नृत्य कर रहे हों।
चौथे दिन भी दर्शकों ने खड़े होकर देखा नाटक
रंग प्रयोग नाट्य समारोह के दूसरे दिन से ही दर्शकों की संख्या के लिहाज से सीट कम पडऩे लगीं। तीसरे और चौथे दिन कई दर्शकों को देर से आने की वजह से और सीट न मिलने से मायूस होकर लौटना पड़ा इसीलिए दर्शक रोजाना सात बजे तक अपना स्थान ग्रहण कर लेते हैं। नाट्य विद्यालय के निदेशक टीकम जोशी ने बताया की संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला की वजह से यह रंग प्रयोग कार्यशाला का सपना संभव हो सका और लोगों को इतने शानदार नाटक देखने को मिल रहे है। साथ ही पास आउट छात्रों के लिए आगे काम करने का एक मंच भी मिल रहा है जिसके माध्यम से वे प्रोफेशनल थियेटर की शिक्षा भी ले रहे हैं।