सहकारी बैंक के पूर्व सीईओ सहित तीन अधिकारी निलंबित
छतरपुर। केन्द्रीय सहकारी बैंक छतरपुर में सहायक समिति प्रबंधक से पदोन्नत किए गए 37 समिति प्रबंधकों की नियुक्त निरस्त होने के बाद उससे जुड़े लोगों पर रजिस्ट्रार द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई है। बताया गया है कि रजिस्ट्रार ने चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी, जिसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा के सीईओ विनय प्रताप सिंह, संयुक्त आयुक्त सहकारिता सागर शिवेन्द्र देव पाण्डेय, अंकेक्षण अधिकारी आरएस गुप्ता और वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक जेपी पिपरसानियां शामिल थे।
उक्त कमेटी ने अपनी सौंपी रिपोर्ट में तत्कालीन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक रामविशाल पटैरिया, शाखा प्रबंधक प्रभारी विपणन कक्ष चन्द्रशेखर अवस्थी एवं शाखा प्रबंधक प्रभारी फील्ड कक्ष संतोष पांडे को दोषी बताया था, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में 37 अपात्र सहायक समिति प्रबंधकों को पदोन्नति की गई थी, जिसमें भारी भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आई थी। इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष करुणेन्द्र प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष जयकृष्ण चौबे को भी दोषी पाया गया है, लेकिन अभी इन दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मामले के तूल पकडऩे पर राज्य सरकार ने अभी तीन लोगों पर कार्रवाई की है, जिससे अन्य अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है।
ईशानगर के कर्ज माफी घोटाले में शाखा प्रबंधक सहित दो निलंबित
वहीं दूसरी ओर सहकारी बैंक की ईशानगर शाखा में हुए कर्ज माफी घोटाले में शाखा प्रबंधक विवेक भारती सहित उनके अधीनस्थ बैंकिंग सहायक सुनील कुमार शुक्ला और कम्प्यूटर ऑपरेटर पारस जैन को निलंबित किया गया है। ईशानगर शाखा के सभी कर्मचारियों को हटाकर नए लोगों को नियुक्त की गई है। मामले की जांच अभी चल रही है और उक्त घोटाले में भी कई समिति प्रबंधक सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं।